भगवान परशुराम जयंती की विशेष जानकारी

परशुरामजी की जयंती हिन्दू धर्म के लिए एक महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है। भगवान परशुराम श्री विष्णु जी के छटे अवतार हैं, अतः इस दिन परशुराम व विष्णु जी की पूजा करना शुभ फलदायक सिद्ध होता है।

इस बार परशुराम जी की जयंती 10 मई 2024, शुक्रवार को वैशाख शुक्ल तृतीय तिथि पर मनाई जाएग** तृतीय तिथि प्रारम्भ – मई 10, 2024 को 04:17 AM बजे तृतीय तिथि समाप्त – मई 11, 2024 को 02:50 AM बजे

साल 2024 में परशुराम जयंती कब है?

परशुराम जयंती को भगवान परशुराम का प्राकट्य दिवस के रूप में मनाया जाता है। पुराणों में वर्णन मिलता है कि भगवान परशुराम श्री विष्णु के छठे अवतार थे। श्री हरि ने अपना यह अवतार पृथ्वी के पापी राजाओं का विनाश करने के लिए लिया था। 

परशुराम जयंती क्यों मनाई जाता है?

इस प्रकार, भगवान विष्णु के अवतार की उपासना करने के लिए परशुराम जयंती मनाई जाती है। आपको बता दें कि भगवान परशुराम को राम जमदग्य, राम भार्गव और वीरराम के नाम से भी जाना जाता है।

परशुराम जयंती क्यों मनाई जाता है?

भगवान परशुराम श्री विष्णु के मानव अवतार हैं, जिन्हें न्याय का देवता भी कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि भगवान परशुराम सात चिरंजीवियों में से एक थे, इसलिए वो आज तक जीवित है। था।

परशुराम कौन थे ?

उनका नाम परशुराम इसलिए पड़ा क्योंकि उन्होंने पृथ्वी पर मौजूद सभी क्षत्रियों को मारने के लिए एक परशु नामक अस्त्र अर्थात् फरसे का प्रयोग किया था। भगवान परशुराम शंकर जी के अनन्य भक्त थे, अतः भगवान शिव ने उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर उन्हें फरसा भेंट किया

परशुराम कौन थे ?

परशुराम शब्द का अर्थ है, फरसा धारण करने वाला। हिंदु धर्म में उनकी जयंती का ये दिन अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि भगवान विष्णु के इस अवतार की उपासना से हमारे जीवन में व्याप्त समस्त बुराइयों का नाश होता है।

परशुराम जयंती का महत्व

ये दिन किसे नए कार्य का आरंभ करने व शुरू करने और ब्राह्मणों को भोजन तथा दान आदि देने के लिए श्रेष्ठ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि परशुराम जयंती पर जो लोग पूजा-पाठ, दान-पुण्य जैसे अच्छे कर्म करते हैं, उन्हें भगवान परशुराम का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

परशुराम जयंती का महत्व