सोमवार की आरती
आरती करत जनक कर जोरे |बड़े भाग्य रामजी घर आए मोरे || जीत स्वयंवर धनुष चढ़ाए |सब भूपन के गर्व मिटाए || तोरि पिनाक किए दुइ खंडा |रघुकुल हर्ष रावण मन शंका || आई सिय लिए संग सहेली |हरषि निरख वरमाला मेली || गज मोतियन के चौक पुराए |कनक कलश भरि मंगल गाए || कंचन … Read more