Posted inआरती
आरती श्री भगवद् गीता
जय भगवद् गीते,जय भगवद् गीते ।हरि-हिय-कमल-विहारिणी,सुन्दर सुपुनीते ॥ कर्म-सुमर्म-प्रकाशिनि,कामासक्ति हरा ।तत्त्वज्ञान-विकाशिनि,विद्या ब्रह्म परा ॥॥ जय भगवद् गीते…॥ निश्चल-भक्ति-विधायिनी,निर्मल मल्हारी ।शरण-सहस्य-प्रदायिनि,सब विधि सुख कारी ॥॥ जय भगवद् गीते…॥ राग-द्वेष-विदारिणी,कारिणि मोद सदा…