Posted inआरती || बुधवार आरती || आरती युगलकिशोर की कीजै।तन मन धन न्यौछावर कीजै॥ गौर श्याम मुख निरखत लीजै।हरि का रूप नयन भरि पीजै॥ रवि शशि कोटि बदन की शोभा।ताहि निरखि मेरो मन लोभा॥ ओढ़े नील… Posted by Vedpuran 29 मार्च 2024