रविवार की आरती

कहुँ लगि आरती दास करेंगे, सकल जगत जाकि जोति विराजे ||सात समुद्र जाके चरण बसे, कहा भयो जल कुम्भ भरे हो राम ।कोटि भानु जाके नख की शोभा, कहा भयो…