सोमवार की आरती

आरती करत जनक कर जोरे |बड़े भाग्य रामजी घर आए मोरे || जीत स्वयंवर धनुष चढ़ाए |सब भूपन के गर्व मिटाए || तोरि पिनाक किए दुइ खंडा |रघुकुल हर्ष रावण…