श्री विश्वकर्मा आरती

श्री विश्वकर्मा आरती

प्रभु श्री विश्वकर्मा घर आवोप्रभु विश्वकर्मा।
सुदामा की विनय सुनीऔर कंचन महल बनाए।
सकल पदारथ देकर प्रभु जी दुखियों के दुख टारे॥

प्रभु श्री विश्वकर्मा घर आवो…॥
विनय करी भगवान कृष्ण ने द्वारकापुरी बनाओ।
ग्वाल बालों की रक्षा की प्रभु की लाज बचाओ॥

प्रभु श्री विश्वकर्मा घर आवो…॥
रामचंद्र ने पूजन कीतब सेतु बांध रचि डारो।
सब सेना को पार किया प्रभु लंका विजय करावो॥

प्रभु श्री विश्वकर्मा घर आवो…॥
श्री कृष्ण की विजय सुनो प्रभु आके दर्श दिखावो।
शिल्प विद्या का दो प्रकाश मेरा जीवन सफल बनावो॥

प्रभु श्री विश्वकर्मा घर आवो…॥

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