नाग पंचमी (Nag Panchami) कब है जाने सभी कुछ 2023

नाग पंचमी (Nag Panchami) – भारतीय पंचांग के अनुसार श्रावण महीने के शुक्ल पक्ष में जो पंचमी आती है उसे भारत वर्ष में नाग पंचमी के रूप में मनाया जाता है। यह त्योहार हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इस दिन हिंदू लोग अपने इष्ट भगवान महादेव शिव के गण नाग देवता की पूजा करने का विधान मानते हैं।

Nag Panchmi नाग पंचमी
Nag Panchmi

पांच नागों को पूजने का विधान

  • विनेतकी
  • करकट
  • अनंत
  • तक्षक
  • कालीया

इन पांचों नागों को पूजने का विशेष महत्वपूर्ण बताया जाता है।

नाग पंचमी (Nag Panchami) मुहूर्त

  • 21 अगस्त, 2023 सोमवार (श्रावण मास का शुक्ल पक्ष की पंचमी)
  • पंचमी प्रारंभ का समय 12:21 AM (21 अगस्त)
  • पंचमी समापन का समय 22 अगस्त मंगलवार को 02:00 AM
  • पंचमी का पूजा मुहूर्त – 05:30 AM

शुभ मुहूर्त

  • ब्रह्म मुहूर्त – 04:05 AM से 04:50 AM तक
  • प्रातः सन्ध्या – 04:27 AM से 05:34 AM तक
  • अभिजित मुहूर्त – 11:35 AM से 12:27 PM तक
  • विजय मुहूर्त – 02:10 AM से 03:02 PM तक
  • गोधूलि मुहूर्त – 06:28 PM से 06:50 PM तक
  • सायाह्न सन्ध्या – 06:28 PM से 07:35 PM तक
  • अमृत काल – 21 अगस्त, 11:33 PM से 22 अगस्त, 01:18 AM तक

नाग पंचमी पर्व का क्या महत्व ?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नाग पंचमी के दिन भगवान शिव और नाग देवता की पूजा करने से महापाप भी नष्ट हो जाते हैं, साथ ही नाग देवता की पूजा करने वाले जातक की कुंडली में राहु केतु और कालसर्प दोष शांत हो जाते हैं। भगवान शिव के प्रिय नाग देवता की उपासना से आने वाली विपत्तियों से मुक्ति मिलती है, साथ ही घर में धन-समृद्धि का भी वास होता है।

नाग पंचमी पर बनने वाला प्रसाद

भारतीय संस्कृति में, प्रकृति में पाए जाने वाले जीवों का मनुष्य के साथ एक आत्मीय संबंध होता है। सदियों से चली आ रही इसी परंपरा का एक अहम हिस्सा है, नागपूजन। हिंदू धर्म नाग की पूजा को एक विशेष महत्व दिया जाता है। नाग, भगवान शिव का आभूषण भी है और भगवान विष्णु की शय्या भी। तभी तो, श्रावण महीने की शुक्ल पंचमी तिथि को, देशभर में उनकी विधिवत पूजा की जाती है। पूजा में बनने वाला प्रसाद इस पर्व का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसके भोग से नाग देव अवश्य प्रसन्न होते हैं।

मध्य प्रदेश की खीर पुरी

मध्य प्रदेश में नाग पंचमी का त्योहार, बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन, नाग देवता को भोग लगाने के लिए, विशेष तौर पर खीर पुरी बनाई जाती है। मान्यता है, कि खीर पुरी का भोग लगाने से नागदेवता प्रसन्न होते हैं और भक्तों पर अपनी कृपा की दृष्टि बनाए रखते है।

राजस्थान का दाल बाटी चूरमा

भारत के राज्य राजस्थान और दाल बाटी चूरमा का, अपने आप में एक अटूट रिश्ता है। कहते हैं, अगर आप राजस्थान घूमने गए और आपने वहाँ का दाल बाटी चूरमा नहीं चखा, तो आपका वह सफर अधूरा ही रह गया। लेकिन आपको यह जानकर भी हैरानी होगी, कि राजस्थान में नाग पंचमी का उद्यापन भी, नाग देवता को इसी पकवान का भोग लगाकर किया जाता है।

उत्तर प्रदेश और बिहार का मालपुआ

इन दोनों राज्यों में नाग पंचमी के दिन, नाग देवता को मालपुए का भोग लगाने का चलन प्रचलित है। मान्यता है कि मालपुओं का भोग लगाने से नाग देवता अत्यंत प्रसन्न होते हैं और मनुष्य को धन, शांति और सौभाग्य का लाभ होता है। इन क्षेत्रों के अलावा भी, देश के अन्य राज्यों जैसे ओडिशा और झारखंड में भी, नाग पंचमी को विशेष रूप से मनाया जाता है।

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