श्री विन्ध्येश्वरी आरती

सुन मेरी देवी पर्वतवासिनी,कोई तेरा पार न पाया । पान सुपारी ध्वजा नारियल,ले तेरी भेंट चढ़ाया ॥ सुन मेरी देवी पर्वतवासिनी ॥ सुवा चोली तेरी अंग विराजे,केसर तिलक लगाया ॥…