स्नेहियों, आमतौर पर हम बहुत सारे विषयों के बारे में पढ़ते और सुनते हैं। मगर क्या हो जब कोई ऐसा कहे, कि मानसिक गणित जैसा भी कुछ होता है? या फिर कोई ये कहे, कि सटीक गणना के लिए भी एक ख़ास तरह की गणित इस्तेमाल होती है? यह सुनकर आपको भी आश्चर्य हो रहा होगा ना? खैर, यह एक आम भावना है, क्योंकि अक्सर ही लोगों को इसके बारे में पूर्णतः पता नहीं होता। तो आइए, आज हम आपको इसी के संबंध में परिचित कराते हैं।
कहते हैं, कि भारत में जन्म लेने वाला वैदिक गणित, दुनिया की वो सबसे तेज़ मानसिक गणित प्रणाली है, जो बिलकुल सटीक गणनाएं करने में आपकी मदद करती है। और हो भी क्यों न, आखिर भारत स्वर्णिम विरासत की भूमि जो है, जिसने दुनिया को बहुत से बहुमूल्य रत्न दिए हैं। इनमें योग और आयुर्वेद भी शामिल हैं।
योग और आयुर्वेद के अलावा, भारत अपने गणित कौशल के लिए भी प्रचलित है। इसकी एक मुख्य वजह है शून्य और दशमलव, जो हमारी ही देन है। वहीं गणित के सूत्र स्पष्ट रूप से वह रहस्य हैं, जिनके माध्यम से प्राचीन भारतीयों ने 5000 साल पहले सपने दिखाए थे। और जैसे शून्य की खोज भारत मे हुई, उसी प्रकार से बुनियादी गणितीय क्रिया को करने हेतू, कुछ खास पद्धतियां भी उस समय विकसित हुई थी। इनमें से सबसे प्रचलित पद्धति, ‘वैदिक गणित’ है।
वैदिक गणित की समझ, हर किसी के लिए संभावनाओं की एक नई दुनिया का मार्ग खोलती है। पहले जो सवाल बच्चों को बहुत कठिन और डरावने लगते थे, यह सब सवाल अब उनके लिए एक खेल जैसे हो गए हैं। शुरुआत में यह सुनना अविश्वसनीय ज़रूर लगता है, मगर यही सच है। फ़िलहाल, 16 सूत्र वैदिक गणित में मौजूद हैं, जिन्हें प्रमुख सूत्र माना जाता है और इनका उपयोग, अधिकतर बुनियादी गणित की क्रिया करने में किया जाता है।
काफ़ी सारी खूबियों के अलावा, यह समझने, प्रयोग और याद रखने में भी आसान हैं। साथ ही, इसके द्वारा उत्तर पाने में साधारण गणित की अपेक्षा, 1500% तेज़ गति से होती है और ये दिमाग भी तेज़ करता है। ऐसा कहते हैं, कि वैदिक गणित का इस्तेमाल करने से दिमागी चपलता और बुद्धि में बढ़ोत्तरी, साथ ही बच्चों में कल्पना और एकाग्रता बढ़ती है। तो आप भी वैदिक गणित से ज़रूर जुड़ें और मानसिक कैलकुलेटर बनकर, कामयाबी के शिखर को करीब से देखें।
Source – Srimandir
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