भाई दूज तिलक – भाई दूज के दिन सभी बहनें अपने भाई को भोज के लिए निमंत्रित करती हैं और उन्हें तिलक करके उनकी लंबी उम्र के लिए भगवान से प्रार्थना करती हैं।

भाई दूज तिलक सामग्री
- पुजा की थाली
- फल, फूल
- दीपक
- अक्षत
- मीठाई
- देशी घी
- जल
इसके अतिरिक्त आप अपने भाई को उपहर स्वरूप देने के लिए श्री फल, मीठाई, और वस्त्र आदि भी रख सकती हैं।
भाई दूज तिलक की विधि
- भाई दूज के दिन प्रात:काल तेल उबटन आदि करने के बाद स्नान करें। स्नान से निपटकर स्वच्छ नए वस्त्र पहनें
- घर के पूजास्थल में पंचोपचार की क्रिया द्वारा सभी देवों की पूजा करें। भाई बहन एक दूसरे के मंगल की ईश्वर से प्रार्थना करें।
- भाईदूज का तिलक सामान्यतः मध्याह्न काल में किया जाता है। इस समय भाई अपनी बहनों के घर पहुंचे।
- बहनें एक थाली में हल्दी, कुमकुम, अक्षत, दीया आदि रखकर पूजा की थाली तैयार करें।
- इसके बाद बहनें अपने भाई को एक चौकी पर बिठायें। और भाई एक रुमाल से अपने सिर को ढंक लें।
- चौकी पर बैठे भाई को हल्दी, कुमकुम अक्षत से तिलक लगाएं। तिलक लगाने के बाद भाई के हाथ में कलावा बांधें, और अब उनकी आरती उतारें।
- अब बहनें भाई को मिठाई खिलाएं। और भाई बहन के द्वारा बनाए गए पकवान का आनंद लें।
- यदि भाई और बहन एक ही घर में रहते हैं, तो दोनों साथ में मध्याह्न भोजन करें। इसके बाद बहन अपने भाई को तिलक कर सकती हैं।
- अब भाई वस्त्र और अन्य उपहार देकर बहन का आभार व्यक्त करें।
ऐसी मान्यता है कि जो भाई इस दिन अपनी विवाहित बहनों को वस्त्र – दक्षिणा आदि देते हैं, उन्हें आने वाले वर्ष में सफलता प्राप्त होती है और बहन के आशीर्वाद से उनके धन, यश, आयु, और बल की वृद्धि होती है।