रक्षा बंधन का का पर्व हर वर्ष श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर उनके लंबे व सुखी जीवन की कामना करती हैं, और भाई जीवन भर अपनी बहनों की रक्षा करने का संकल्प लेते हैं।ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब भद्रा का मुख, कंठ और हृदय धरती पर होता है, तब कोईभी शुभ कार्य नहीं किया जाना चाहिए, लेकिन भद्रा की पूंछ कार्यों की पूर्ति के लिए ठीक माना गया है। हालांकि सभी हिन्दु ग्रन्थ और पुराण भद्रा समाप्त होने के पश्चात ही राखी बांधने की सलाह देते हैं, इसलिए भद्रा के दौरान रक्षाबंधन न मनाएं।
रक्षा बंधन के दिन के शुभ मुहूर्त
- ब्रह्म मुहूर्त – 04:07 AM से 04:52 AM तक
- प्रातः सन्ध्या- 04:30 AM से 05:38 AM तक
- अभिजित मुहूर्त- कोई नहीं
- विजय मुहूर्त – 02:05 AM से 02:56 PM तक
- गोधूलि मुहूर्त – 06:19 PM से 06:42 PM तक
- सायाह सन्ध्या- 06:19 PM से 07:27 PM तक
- अमृत काल – 11:42 AM से 01:06 PM तक
भाई बहन के प्रेम का पर्व आप सभी हर्षोल्लास के साथ मनाएं, आपके इस प्यारे से रिश्ते का बंधन और मज़बूत हो, इसी कामना के साथ लेते हैं विदा रक्षाबंधन पर श्री मंदिर लाया है आपके लिए कुछ खास टिप्स जो इस दिन आपके रूप रंग और श्रृंगार में चार चाँद लगा देंगे।
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