रक्षा बंधन – ऐसे तैयार करें आरती की थाली

त्योहार

रक्षा बंधन के दिन, बहनें अपने भाइयों को राखी बांधने से पहले, कई तैयारियां भी की जाती हैं, जिनमें से पूजा की थाली तैयार करना एक महत्वपूर्ण कार्य होता है।

कहा जाता है, कि बहनें अगर सही तरह से आरती की थाली सुसज्जित कर अपने भाइयों को राखी बांधे, तो उनकी आयु में वृद्धि और जीवन में खुशहाली की बौछार होती है। तभी तो इस आरती की थाली को, सटीक तरीके से तैयार करना बहुत अहम होता है। सबसे पहले तो एक नई थाली को गंगाजल से पवित्र किया जाना चाहिए। फ़िर उसके बाद, उनमें निम्नलिखित चीजें रखी जानी चाहिए-

राखी

आरती की थाली में रखी जाने वाली सबसे अहम चीज होती है, राखी तो आप अपनी आरती की थाली में, अपने प्रिय भाई के लिए ली गई राखी रखना बिल्कुल ना भूलें।

यह भी पढ़ें रक्षा बंधन कब है?

रोली और चंदन

राखी के बाद आती है, रोली और चंदन की बारी। हिंदू धर्म में चंदन को अत्यंत पवित्र माना जाता है, तभी तो हर शुभ कार्य में इसका इस्तेमाल होता है। आप भी अपने भाई की आरती के लिए सजाई गई थाली में चंदन और रोली को अवश्य शामिल करें। कहते हैं, कि ललाट पर चंदन लगाने से मनुष्य का मस्तिष्क शांत होता है और शांत मस्तिष्क, हमेशा सटीक पथ पर चलने में सहायता करता है। तभी राखी के दिन, भाइयों के माथे पर रोली और चंदन का टीका किए जाने का भी विशेष महत्व है।

अक्षत

किसी भी शुभ कार्य में, चावल के दानों को अक्षत के रूप में प्रयोग किया जाता है, यह तो हम सभी जानते हैं। लेकिन क्या आपको पता है, कि आखिर चावल के दानों को अक्षत क्यों कहा जाता है और पूजा की थाली में इसका क्या महत्व है? दरअसल, अक्षत शब्द का सरल अर्थ होता है, जिसकी कोई क्षति ना हुई हो या फिर जो खंडित यानी टूटा हुआ ना हो।’ तभी तो पूजा में प्रयोग होने वाले साबुत चावल के दानों को, अक्षत कहा जाता है। शास्त्रों के अनुसार, अक्षत जीवन से नकारात्मक ऊर्जा हटाने में सहायता करता है। तभी तो बहनें, अपने भाई के जीवन से हर नकारात्मक ऊर्जा हटाते हुए, उनके माथे पर अक्षत लगाती हैं।

दही

रक्षा बंधन के लिए तैयार की गई आरती की थाली में, दही रखने की भी मान्यता है। दही का टीका करना भी काफ़ी शुभ माना जाता है, इसलिए आप भी अपनी आरती की थाली में दही अवश्य रखें।

कपूर या दीपक

आरती व पूजा की थाली, किसी ज्योत के बिना बिल्कुल अधूरी होती है। तभी तो बहनें दीपक या कपूर जलाकर, अपने भाइयों की आरती करती हैं। कहा जाता है, कि दीपक या • कपूर के उस अलाव से बुरी नजर उतर जाती है। साथ ही, दीपक की शिखा पूरे वातावरण को प्रकाशित कर देती है। तभी तो हिंदू धर्म के हर शुभ अवसर पर दीपक जलाने को बहुत शुभ माना जाता है।

मिठाई

रक्षा बंधन का शुभ दिन हो और बहनें अपने भाइयों का मुंह मीठा ना करवाएं, ऐसा भला कैसे संभव हो सकता है। तभी बहनें अपनी आरती की थाली में मिठाई अवश्य रखती हैं। राखी बांधने के बाद, बहन-भाई एक दूसरे का मुंह मीठा करवाते हैं, जिनसे उनके रिश्ते की मिठास भी बनी रहे।

घी का दीपक

अपने भाई की आरती उतारने के लिए घी का दीपक अवश्य रख लें और राखी बांधते समय उसे प्रज्वलित करें और अपने भाई की प्रेमपूर्वक आरती उतारें।

शुभ रक्षाबंधन

Source – श्री मंदिर

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