श्री लक्ष्मी चालीसा
॥ दोहा ॥ मातु लक्ष्मी करि कृपा,करो हृदय में वास। मनोकामना सिद्ध करि,परुवहु मेरी आस॥ ॥ सोरठा ॥ यही मोर अरदास,हाथ जोड़ विनती करुं। सब विधि करौ सुवास,जय जननि जगदम्बिका। ॥ चौपाई ॥ सिन्धु सुता मैं सुमिरौ तोही।ज्ञान, बुद्धि, विद्या…
॥ दोहा ॥ मातु लक्ष्मी करि कृपा,करो हृदय में वास। मनोकामना सिद्ध करि,परुवहु मेरी आस॥ ॥ सोरठा ॥ यही मोर अरदास,हाथ जोड़ विनती करुं। सब विधि करौ सुवास,जय जननि जगदम्बिका। ॥ चौपाई ॥ सिन्धु सुता मैं सुमिरौ तोही।ज्ञान, बुद्धि, विद्या…
ओम जय गंगे माता, श्री जय गंगे माता ।जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता ॥ चंद्रवंशी जोत तुम्हारी, जल निर्मल आता ।शरण पड़े जो तेरी, सो नर तर जाता ॥॥ ओम जय गंगे माता…॥ पुत्र सगर के तारे, सब…
आरती लक्ष्मण बालाजी कीअसुर संहारन प्राणपति की जगमग ज्योति अवधपुर राजेशेषाचल पै आप विराजे घंटा ताल पखावज बाजेकोटि देव मुनि आरती साजे किरीट मुकुट कर धनुष विराजेतीन लोक जाकी शोभा राजे कंचन थार कपूर सुहाईआरती करत सुमित्रा माई आरती कीजै…
ॐ जय लक्ष्मी माता,मैया जय लक्ष्मी माता। तुमको निशदिन सेवत,हरि विष्णु विधाता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता ॥ उमा,रमा,ब्रह्माणी,तुम ही जग-माता। सूर्य-चंद्रमा ध्यावत,नारद ऋषि गाता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता ॥ दुर्गा रूप निरंजनी,सुख सम्पत्ति दाता। जो कोई तुमको ध्यावत,ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥…
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु,जय श्री विश्वकर्मा ।सकल सृष्टि के करता,रक्षक स्तुति धर्मा ॥ जय श्री विश्वकर्मा प्रभु,जय श्री विश्वकर्मा । आदि सृष्टि में विधि को,श्रुति उपदेश दिया ।जीव मात्र का जग में,ज्ञान विकास किया ॥ जय श्री विश्वकर्मा प्रभु,जय श्री…
ॐ जय चित्रगुप्त हरे,स्वामी जय चित्रगुप्त हरे।भक्त जनों के इच्छित,फल को पूर्ण करें॥ ॐ जय चित्रगुप्त हरे…॥ विघ्न विनाशक मंगलकर्ता,सन्तन सुखदायी।भक्तन के प्रतिपालक,त्रिभुवन यश छाई॥ ॐ जय चित्रगुप्त हरे…॥ रूप चतुर्भुज,स्यामल मूरति, पीताम्बर राजै।मातु इरावती,दक्षिणा, वाम अङ्ग साजै॥ ॐ जय…
जय भगवद् गीते,जय भगवद् गीते ।हरि-हिय-कमल-विहारिणी,सुन्दर सुपुनीते ॥ कर्म-सुमर्म-प्रकाशिनि,कामासक्ति हरा ।तत्त्वज्ञान-विकाशिनि,विद्या ब्रह्म परा ॥॥ जय भगवद् गीते…॥ निश्चल-भक्ति-विधायिनी,निर्मल मल्हारी ।शरण-सहस्य-प्रदायिनि,सब विधि सुख कारी ॥॥ जय भगवद् गीते…॥ राग-द्वेष-विदारिणी,कारिणि मोद सदा ।भव-भय-हारिणि,तारिणी परमानंद प्रदा ॥॥ जय भगवद् गीते…॥ आसुर-भाव-विनाशिनि,नाशिनी तम रजनी…
सुन मेरी देवी पर्वतवासिनी,कोई तेरा पार न पाया । पान सुपारी ध्वजा नारियल,ले तेरी भेंट चढ़ाया ॥ सुन मेरी देवी पर्वतवासिनी ॥ सुवा चोली तेरी अंग विराजे,केसर तिलक लगाया ॥ सुन मेरी देवी पर्वतवासिनी ॥ नंगे पग माँ अकबर आया,सोने…
जय बृहस्पति देवा,ऊँ जय बृहस्पति देवा ।छिन छिन भोग लगाऊँ,कदली फल मेवा ॥ ऊँ जय बृहस्पति देवा,जय बृहस्पति देवा ॥ तुम पूरण परमात्मा,तुम अंतर्यामी ।जगतपिता जगदीश्वर,तुम सबके स्वामी ॥ ऊँ जय बृहस्पति देवा,जय बृहस्पति देवा ॥ चरणामृत निज निर्मल,सब पातक…
ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे ,स्वामी जै यक्ष जै यक्ष कुबेर हरे। शरण पड़े भक्तों के,भंडार कुबेर भरे। ॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥ शिव भक्तों में भक्त कुबेर बड़े,स्वामी भक्त कुबेर बड़े। दैत्य दानव मानव से,कई-कई युद्ध लड़े ॥…