श्री बालाजी आरती

ॐ जय हनुमत वीरा,स्वामी जय हनुमत वीरा ।संकट मोचन स्वामी,तुम हो रनधीरा ॥॥ ॐ जय हनुमत वीरा…॥ पवन पुत्र अंजनी सूत,महिमा अति भारी ।दुःख दरिद्र मिटाओ,संकट सब हारी ॥॥ ॐ जय हनुमत वीरा…॥ बाल समय में तुमने,रवि को भक्ष लियो…

श्री शारदा आरती

भुवन विराजी शारदा,महिमा अपरम्पार। भक्तों के कल्याण कोधरो मात अवतार ॥ मैया शारदा तोरे दरबारआरती नित गाऊँ। मैया शारदा तोरे दरबारआरती नित गाऊँ। नित गाऊँ मैया नित गाऊँ। मैया शारदा तोरे दरबारआरती नित गाऊँ। श्रद्धा को दिया प्रीत की बातीअसुअन…

श्री विष्णु आरती

ॐ जय जगदीश हरे,स्वामी जय जगदीश हरेभक्त जनों के संकट,दास जनों के संकट,क्षण में दूर करे || || ॐ जय जगदीश हरे || मात पिता तुम मेरे,शरण गहूं मैं किसकीस्वामी शरण गहूं मैं किसकीतुम बिन और न दूजा,आस करूं मैं…

रविवार की आरती

कहुँ लगि आरती दास करेंगे, सकल जगत जाकि जोति विराजे ||सात समुद्र जाके चरण बसे, कहा भयो जल कुम्भ भरे हो राम ।कोटि भानु जाके नख की शोभा, कहा भयो मन्दिर दीप धरे हो राम ।भार उठाकर रोमावलि जाके, कहा…

आरती संतोषी माता जी की

जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता ।अपने सेवक जन की, सुख संपति दाता ॥ जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता ॥ सुंदर चीर सुनहरी, मां धारण कीन्हो ।हीरा पन्ना दमके, तन शृंगार लीन्हो ॥ जय संतोषी माता, मैया…

श्री रामचंद्र जी की आरती

श्री रामचंद्र कृपालु भजमन हरण भाव भय दारुणम्।नवकंज लोचन कंज मुखकर, कंज पद कन्जारुणम्।। कंदर्प अगणित अमित छवी नव नील नीरज सुन्दरम्।पट्पीत मानहु तडित रूचि शुचि नौमी जनक सुतावरम्।। भजु दीनबंधु दिनेश दानव दैत्य वंश निकंदनम्।रघुनंद आनंद कंद कौशल चंद…

शनिवार की आरती

जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी |सूरज के पुत्र प्रभु छाया महतारी ||जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी… श्याम अंग वक्र दृष्ट चतुर्भुजा धारी |नीलाम्बर धार नाथ गज की असवारी ||जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी… क्रीट मुकुट शीश रजित…

आरती अम्बा जी की

जय अंबे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी॥ओम जय अंबे गौरीमांग सिंदूर विराजत, टीको मृगमद को।उज्ज्वल से दो‌उ नैना, चन्द्रवदन नीको॥ओम जय अंबे गौरीकनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै।रक्तपुष्प गल माला, कण्ठन पर साजै॥ओम जय अंबे गौरीकेहरि…

आरती काली माता जी की

मंगल की सेवा सुन मेरी देवा,हाथ जोड तेरे द्वार खड़े Iपान सुपारी ध्वजा नारियल, ले ज्वाला तेरी भेट धरे IIसुन जगदम्बे न कर विलम्बे, संतन के भडांर भरे Iसंतन प्रतिपाली सदा खुशहाली, जय काली कल्याण करे II बुद्धि विधाता तू…

श्री विश्वकर्मा आरती

प्रभु श्री विश्वकर्मा घर आवोप्रभु विश्वकर्मा।सुदामा की विनय सुनीऔर कंचन महल बनाए।सकल पदारथ देकर प्रभु जी दुखियों के दुख टारे॥ प्रभु श्री विश्वकर्मा घर आवो…॥विनय करी भगवान कृष्ण ने द्वारकापुरी बनाओ।ग्वाल बालों की रक्षा की प्रभु की लाज बचाओ॥ प्रभु…