श्री दुर्गा आरती (नवरात्रि आरती)
ॐ जय अम्बे गौरी ,मैया जय श्यामा गौरी । तुमको निशदिन ध्यावतहरि ब्रह्मा शिवजी ॥ ॥ ॐ जय अम्बे गौरी ॥ मांग सिंदूर विराजतटीको मृगमद को । उज्जवल से दोउ नैनाचन्द्रवदन नीको ॥ ॥ ॐ जय अम्बे गौरी ॥ कनक…
ॐ जय अम्बे गौरी ,मैया जय श्यामा गौरी । तुमको निशदिन ध्यावतहरि ब्रह्मा शिवजी ॥ ॥ ॐ जय अम्बे गौरी ॥ मांग सिंदूर विराजतटीको मृगमद को । उज्जवल से दोउ नैनाचन्द्रवदन नीको ॥ ॥ ॐ जय अम्बे गौरी ॥ कनक…
जय जय जाहरवीर हरे,जय जय गूगा वीर हरेधरती पर आ कर भक्तों के दुख दूर करे॥ जय जय जाहरवीर हरे॥ जो कोई भक्ति करे प्रेम से हां जी करे प्रेम सेभागे दुख परे विघ्न हरे,मंगल के दाता तन का कष्ट…
जय लक्ष्मी-विष्णो।जय लक्ष्मी नारायण,जय लक्ष्मी-विष्णो।जय माधव, जय श्रीपति,जय, जय, जय वैष्णो।। जय…।। जय चम्पा सम-वर्णेजय नीरद कान्ते।जय मंद-स्मित-शोभेजय अद्भुत शान्ते।। जय…।। कमल वराभय-हस्तेशंख दिकधारिन।जय कमलालये वासिनिगरुड़ासन कारिन।। जय…।। सच्चिन्मयकरचरणेसच्चिन्मयमूर्ते।दिव्यानंद-विलासिनिजय सुखमयमूर्ते।। जय…।। तुम त्रिभुवन की माता,तुम सबके त्राता।तुम लोकत्रय–जननी,तुम सबके धाता।।…
आरती श्री रामायण जी की ।कीरति कलित ललित सिय पी की ॥गावत ब्रहमादिक मुनि नारद ।बाल्मीकि बिग्यान बिसारद ॥शुक सनकादिक शेष अरु शारद ।बरनि पवनसुत कीरति नीकी ॥॥ आरती श्री रामायण जी की…॥ गावत बेद पुरान अष्टदस ।छओं शास्त्र सब…
आरती श्री वृषभानुसुता की,मंजुल मूर्ति मोहन ममता की। त्रिविध तापयुत संसृति नाशिनी,विमल विवेक विराग विकासिनि। पावन प्रभु पद प्रीति प्रकाशिनि,सुन्दरतम छवि सुंदरता की। । आरती श्री वृषभानुसुता की । मुनि मन मोहन मोहन मोहनि,मधुर मनोहर मूरति सोहनि। अविरल प्रेम अमिय…
ॐ जय जगदानन्दी,मैया जय आनन्द कन्दी । ब्रह्मा हरिहर शंकर रेवा शिव ,हरि शंकर रुद्री पालन्ती॥ ॥ ॐ जय जय जगदानन्दी ॥ देवी नारद शारद तुम वरदायक,अभिनव पद चण्डी। सुर नर मुनि जन सेवत,सुर नर मुनि शारद पदवनती॥ ॥ ॐ…
आरती युगलकिशोर की कीजै।तन मन धन न्यौछावर कीजै॥ गौर श्याम मुख निरखत लीजै।हरि का रूप नयन भरि पीजै॥ रवि शशि कोटि बदन की शोभा।ताहि निरखि मेरो मन लोभा॥ ओढ़े नील पीत पट सारी।कुंज बिहारी गिरिवरधारी॥ फूलन सेज फूल की माला।रत्न…
अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली |माँ काली आरती तेरे ही गुण गायें भारती, ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती || तेरे भक्तजनों पे माता, भीर पड़ी है भारी |दानव दल पर टूट पड़ो माँ, करके…
जय लक्ष्मी रमणा, स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।सत्यनारायण स्वामी, जन पातक हरणा ॥ ॐ जय लक्ष्मी रमणा, स्वामी जय लक्ष्मी रमणा । रतन जड़ित सिंहासन, अदभुत छवि राजे ।नारद करत निरंजन, घंटा वन बाजे ॥ ॐ जय लक्ष्मी रमणा, स्वामी…
हर हर महादेव! प्रिय भक्तों, क्या आपने कभी सुना है, कि किसी के ज्ञान की परीक्षा लेने के लिए गायों का सहारा लिया गया हो और वह भी एक नहीं, हज़ार? नहीं? तो आइये, आज हम जानेंगे एक ऐसी ही…