श्री गणेश चालीसा

॥ दोहा ॥ जय गणपति सदगुण सदन,कविवर बदन कृपाल। विघ्न हरण मंगल करण,जय जय गिरिजालाल॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय जय गणपति गणराजू।मंगल भरण करण शुभः काजू॥ जै गजबदन सदन…

श्री विष्णु चालीसा

॥ दोहा ॥ विष्णु सुनिए विनय,सेवक की चितलाय। कीरत कुछ वर्णन करूँ,दीजै ज्ञान बताय॥ ॥ चौपाई ॥ नमो विष्णु भगवान खरारी।कष्ट नशावन अखिल बिहारी॥ प्रबल जगत में शक्ति तुम्हारी।त्रिभुवन फैल…

श्री लक्ष्मी चालीसा

॥ दोहा ॥ मातु लक्ष्मी करि कृपा,करो हृदय में वास। मनोकामना सिद्ध करि,परुवहु मेरी आस॥ ॥ सोरठा ॥ यही मोर अरदास,हाथ जोड़ विनती करुं। सब विधि करौ सुवास,जय जननि जगदम्बिका।…

मां गंगा आरती

ओम जय गंगे माता, श्री जय गंगे माता ।जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता ॥ चंद्रवंशी जोत तुम्हारी, जल निर्मल आता ।शरण पड़े जो तेरी, सो नर तर जाता…

शुक्रवार आरती

आरती लक्ष्मण बालाजी कीअसुर संहारन प्राणपति की जगमग ज्योति अवधपुर राजेशेषाचल पै आप विराजे घंटा ताल पखावज बाजेकोटि देव मुनि आरती साजे किरीट मुकुट कर धनुष विराजेतीन लोक जाकी शोभा…

महालक्ष्मी आरती

ॐ जय लक्ष्मी माता,मैया जय लक्ष्मी माता। तुमको निशदिन सेवत,हरि विष्णु विधाता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता ॥ उमा,रमा,ब्रह्माणी,तुम ही जग-माता। सूर्य-चंद्रमा ध्यावत,नारद ऋषि गाता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता ॥ दुर्गा…

श्री विश्वकर्मा आरती

जय श्री विश्वकर्मा प्रभु,जय श्री विश्वकर्मा ।सकल सृष्टि के करता,रक्षक स्तुति धर्मा ॥ जय श्री विश्वकर्मा प्रभु,जय श्री विश्वकर्मा । आदि सृष्टि में विधि को,श्रुति उपदेश दिया ।जीव मात्र का…

श्री चित्रगुप्त जी की आरती

ॐ जय चित्रगुप्त हरे,स्वामी जय चित्रगुप्त हरे।भक्त जनों के इच्छित,फल को पूर्ण करें॥ ॐ जय चित्रगुप्त हरे…॥ विघ्न विनाशक मंगलकर्ता,सन्तन सुखदायी।भक्तन के प्रतिपालक,त्रिभुवन यश छाई॥ ॐ जय चित्रगुप्त हरे…॥ रूप…

आरती श्री भगवद् गीता

जय भगवद् गीते,जय भगवद् गीते ।हरि-हिय-कमल-विहारिणी,सुन्दर सुपुनीते ॥ कर्म-सुमर्म-प्रकाशिनि,कामासक्ति हरा ।तत्त्वज्ञान-विकाशिनि,विद्या ब्रह्म परा ॥॥ जय भगवद् गीते…॥ निश्चल-भक्ति-विधायिनी,निर्मल मल्हारी ।शरण-सहस्य-प्रदायिनि,सब विधि सुख कारी ॥॥ जय भगवद् गीते…॥ राग-द्वेष-विदारिणी,कारिणि मोद सदा…

श्री विन्ध्येश्वरी आरती

सुन मेरी देवी पर्वतवासिनी,कोई तेरा पार न पाया । पान सुपारी ध्वजा नारियल,ले तेरी भेंट चढ़ाया ॥ सुन मेरी देवी पर्वतवासिनी ॥ सुवा चोली तेरी अंग विराजे,केसर तिलक लगाया ॥…